अरे मन कर प्रभुपर बिस्वास
Are Man Kar Prabhupar Bisvaas Lyrics
अरे मन, कर प्रभुपर बिस्वास ।
क्यों इत-उत तू भटक्यो डोलै, झूठे सुखकी आस ।।
सुंदर देह, सुहावनि नारी, सब बिधि भोग-बिलास ।
कहा भयो धन-पुत्र भयेतें, मिटी न जमकी त्रास ।।
नौकर-चाकर, बंधु घनेरे, ऊँची पदवी खास ।
डरत लोग देखत भौं टेढ़ी, करत मृत्यु-उपहास ||
मिथ्या मद-उन्मत्त गँवाये व्यर्थ अमोलक स्वास ।
पछितायें पुनि कछु न बसाये, चनै कालको ग्रास |