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बुधवार, नवम्बर 5, 2025

राम राम राम राम राम राम राम Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram

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राम राम राम राम राम राम राम

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राम राम राम राम राम राम राम

राम राम राम राम राम राम राम ।

जगविश्राम ! मंगलधाम ! पूरणकाम ! सुन्दर नाम ॥

योग-जप-तप-व्रत-नियम-यम, यज्ञ-दान अपार ।

रामसम नहि एक साधन, राम सब आधार ॥

सब मिल कहो जय जय राम || राम० ।।

राम गुरु, पितु-मातु रामहि, राम सुहृद उदार ।

राम स्वामी, सखा रामहि, राम प्रिय परिवार ।।

सब मिल कहो जय जय राम || राम० ।।

राम जीवन, राम तन-मन, राम धन-जन-दार ।

राम सुत, सुख-साज रामहि, राम प्राणाघार ||

सत्र मिल कहो जय जय राम || राम० ॥

राम राग, विराग रामहि, राम स्नेहागार ।

राम प्रेमद, राम प्रेमिक, प्रेम-पारावार ।।

सब मिल कहो जय जय राम || राम० ॥

राम विधि, शिव राम, पालक-विष्णु विश्वाधार ।

राममय जग, राम जगमय, रामही विस्तार ॥

सब मिल कहो जय जय राम || राम० ॥

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