भली है राम नामकी ओट
Bhali Hai Ram Namki Oat
भली है राम-नामकी ओट ।
जिन्ह लीन्हीं तिन्हके मस्तकतें पड़ी पापकी पोट ।।
राम-नाम सुमिरन जिन्ह कीन्हो लगी न जमकी चोट ।
अन्तःकरन भयो अति निरमल, रही तनिक नहि खोट ॥
राम-नाम लीन्हें तें जर गइ माया-ममता-मोट ।
राम-नामतें मिले राम, जग रह गयो फोकट-फोट ।।