28.6 C
Gujarat
मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025

पतित नहीं जो होते जगमें कौन पतितपावन कहता – Patit Nahin Jo Hote Jagamen Kaun Patitapaavan Kahata

Post Date:

पतित नहीं जो होते जगमें कौन पतितपावन कहता लीरिक्स

Patit Nahin Jo Hote Jagamen Kaun Patitapaavan Lyrics

पतित नहीं जो होते जगमें, कौन पतितपावन कहता । अधमोंके अस्तित्व बिना अधमोद्धारण कैसे कहता  ॥ १ ॥

होते नहीं पातकी, ‘पातकि-तारण’ तुमको कहता दीन हुए बिन, दीनदयालो ! कौन ? दीनबंधु फिर कहता कौन  ॥ २ ॥

पतित, अधम, पापी, दीनोंको क्योंकर तुम बिसार सकते । जिनसे नाम कमाया तुमने, क्योंकर उन्हें टाल सकते ॥ ३ ॥

चारों गुण मुझमें पूरे, मैं तो विशेष अधिकारी हूँ। नाम बचानेका साधन हूँ। यों भी तो उपकारी हूँ ॥ ४ ॥

इतनेपर भी नाथ ! तुम्हें यदि मेरा स्मरण नहीं होगा। दोष क्षमा हो, इन नामोंका रक्षण फिर क्योंकर होगा ? ॥ ५ ॥

सुन प्रलापयुत पुकार, अब तो करिये नाथ ! शीघ्र उद्धार । नहीं, छोड़िये नामोंको, यों कहनेको होता लाचार ॥ ६ ॥

जिसके कोई नहीं, तुम्हीं उसके रक्षक कहलाते हो। मुझे नाथ अपनानेमें फिर क्यों इतना सकुचाते हो ? ॥ ७ ॥

नाम तुम्हारे चिर सार्थक हैं मेरा दृढ़ विश्वास यही । इसी हेतु, पावन कीजै प्रभु ! मुझे कहींसे आस नहीं ॥ ८॥

चरणोंको दृढ़ पकड़े हूँ, अब नहीं हहूँगा किसी तरह । भले, फेंक दो, नहीं सुहाता अगर पड़ा भी इसी तरह ॥ ९ ॥

पर यह रखना स्मरण नाथ ! जो यों दुतकारोगे हमको । अशरणशरण, अनाथनाथ, प्रभु कौन कहेगा फिर तुमको ॥१०॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!