बना दो बुद्धिहीन भगवान लीरिक्स
Bana Do Buddhiheen Bhagavaan Lyrics
बना दो बुद्धिहीन भगवान ।
तर्क-शक्ति सारी ही हर लो, हरो ज्ञान-विज्ञान ।
हरो सभ्यता, शिक्षा, संस्कृति, नये जगतकी शान ||
विद्या-धन-मद हरो, हरो हे हरे ! सभी अभिमान ।
नीति भीतिसे पिंड छुड़ाकर करो सरलता-दान ।।
नहीं चाहिये भोग-योग कुछ, नहीं मान-सम्मान ।
ग्राम्य, गँवार बना दो, तृणसम दीन, निपट निर्मान ।।
भर दो हृदय भक्ति-श्रद्धासे करो प्रेमका दान ।
प्रेर्मासन्धु ! निज मध्य डुबाकर मेटो नामनिशान ||



