28 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 24, 2025

होगा कब वह सुदिन समय शुभ मायावी मन बनकर दीन – Hoga Kab Vah Sudin Samay Shubh

Post Date:

होगा कब वह सुदिन समय शुभ मायावी मन बनकर दीन – प्रार्थना

Hoga Kab Vah Sudin Samay Shubh Lyrics

होगा कब वह सुदिन समय शुभ, मायावी मन बनकर दीन ।

मोहमुक्त हो हो जायेगा, पावन प्रभु-चरणोंमें लीन ॥ १ ॥

कच जगकी झूठी बातोंसे, हो जावेगी घृणा इसे ।

कब समझेगा उसे भयानक, मान रहा रमणीय जिसे ॥ २ ॥

कब गुरु चरणोंकी रजको यह, निज मस्तकपर धारेगा ।

काम-क्रोध-लोभादि कब वैरियोंको, हठसे मारेगा ॥ ३ ॥

पुण्यभूमि ऋषिसेवितमें कब, होगा इसका निर्जन-वास ।

गंगाकी पुनीत धारासे कब सब अघका होगा नास ॥ ४ ॥

कब छोड़ेंगी सबल इन्द्रियाँ अपने विषयोंमें रमना ।

कभ सीखेंगी उलटी आकर अन्तरमें उसके जमना ॥ ५ ॥

कच साधनके प्रखर तेजसे सारा तम मिट जायेगा ।

कच मन विषयविमुख हो हरिकी विमल भक्तिको पायेगा ।। ६ ।।

धन-जन-पदकी प्रबल लालसा कष्टमयी क मान-बड़ाई।

‘मैं मेरे’ की छूटेगी फाँसी कब यह टूटेगी ।॥ ७ ॥

कब यह मोह-स्वप्न छूटेगा, कब प्रपंचका होगा बाध ।

परवैराग्य प्रकट कब होगा, कब सुख होगा इसे अगाध ॥ ८ ॥

कब भवभयके कारण मिथ्या अहंकारका होगा नास ।

कब सच्चा स्वरूप दीखेगा, छूट जायगा देहा ध्यास || ९ ||

कब सबके आधार एक भूमा- सुखका मुख दोखेगा ।

कब यह सब भेदोंमें नित्य अभेद देखना सीखेगा ॥१०॥

कत्र प्रतिबिम्ब बिम्ब होगा, कब नहीं रहेगा चित-आभास ।

निजानन्द निर्मल अज अव्ययमें कत्र होगा नित्य निवास ॥११॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!