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बुधवार, नवम्बर 5, 2025

कर प्रणाम तेरे चरणोंमें लगता हूँ अब जगके काज – Kar Pranaam Tere Charanommen Lagata Hoon Ab Jagake Kaaj 

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कर प्रणाम तेरे चरणोंमें लगता हूँ अब जगके काज – प्रार्थना

Kar Pranaam Tere Charanommen Lagata Hoon Ab Jagake Kaaj Lyrics

कर प्रणाम तेरे चरणोंमें लगता हूँ अब जगके काज ।

पालन करनेको आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूँ आज ।।

अंतरमें स्थित रहकर मेरे बागडोर पकड़े रहना ।

निपट निरंकुश चंचल मनको सावधान करते रहना ।।

अन्तर्यामीको अन्तःस्थित देख सशङ्कित होवे मन ।

पाप-वासना उठते ही हो नारा लाजसे वह जल-भुन ।।

जीवोंका कलरव जो दिनभर सुननेमें मेरे आवे ।

तेरा ही गुणगान जान मन प्रमुदित हो अति सुख पावे ।।

तू ही है सर्वत्र व्याप्त हरि ! तुझमें यह सारा संसार ।

इसी भावनासे अन्तरभर मिलूँ सभीसे तुझे निहार ।।

प्रतिपल निज इन्द्रियसमूहसे जो कुछ भी आचार करूँ ।

केवल तुझे रिझानेको, बस, तेरा ही व्यबहार करूँ ।।

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