21.1 C
Gujarat
गुरूवार, दिसम्बर 4, 2025

प्रभु मैं नहिं नाव चलाबौं तब पद रज Prabhu Main Nahin Naav Chalaabaun

Post Date:

प्रभु मैं नहिं नाव चलाबौं तब पद रज

Prabhu Main Nahin Naav Chalaabaun

प्रभु ! मैं नहिं नाव चलाबौं । तब पद-रज नर-करनि मूरि प्रभु ! महिमा अमित कहाँ लगि गायौं ?

पाहन छुबत नारि भइ पावनि, काठ पुरातनकी यह नावौं । परसत रज मुनि-नारि बनै यह, मैं पुनि असि नौका कहूँ पावौं ।॥

मैं अति दीन-दरिद्र, कुटुंब बहु, सबहिं निभावौं । यहि नौकातें जो यह उद्दे, जीविका बिनसै, केहि बिधि पुनि परिवार चलावौं ।॥

अनुमति होइ तो लेइ कठौता, सुरसरि-जल भरि प्रभुपहुँ लावौं । पद पखारि, रज घोइ भलीबिधि, करि चरनामृत पाप नसावौं ।॥

प्रभु-चरननकी सपथ नाथ ! मैं अन्य भाँति नहिं नाव चढ़ाबौं । लखन रिसाइ तीर जो मारै, निबल, पकरि पद प्रान गवावौँ ।॥

प्रेम भरे, अति सरल-सुहावन, अटपट बचन सुने रघुरावौं । कश्नानिधि हँसि अनुमति दीन्ही, केवट कह्यो, पार लै जावौं ।॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!