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सोमवार, जुलाई 7, 2025

जय जयति देवकीनन्दन

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जय जयति देवकीनन्दन

जय जयति देवकी नंदन, जय २ जय जय दुष्ट निकंदन तुम जगके कर्ताधर्ता,
पालक पोषक संहर्ता शुभ लसै भाल पै चन्दन, जय जयति देवकीनन्दन ॥ १ ॥


तुम कंस आदि संहारे, और असुर वकासुर मारे ।
प्रभु काटौ भव भय फन्दन, जय जयति देवकीनन्दन ॥ २ ॥


मुरलीवर नाम तुम्हारी, गिरधर गिर नखपर धारौं ।
मम करौ दूर दुख दुदन, जय जयति देवकीनन्दन ॥ ३ ॥


नन्नू कृष्ण गोविन्द गायें, हम अभय मोक्ष फल पायें
पुनि २ पद करते बन्दन जय जयति देवकीनंदन ॥ ४ ॥

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